• Mohit Jha
    Mohit Jha

आखिर शास्त्री जी के साथ क्या हुआ था, क्या सच में उन्हें जहर दिया गया था.

  • 10 Jan, 2023
Lal Bahadur Shastri.

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री 10 जनवरी 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ एक शांति समझौता करते हैं और इस समझौते के कुछ ही घंटो बाद अचानक से उनकी मौत की खबर आती है. आधिकारिक तौर पर कहा जाता है कि शास्त्री जी की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. लेकिन कई लोग इस दावे पर सवाल उठाते हैं. तो ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर ताशंकद में शास्त्री जी के साथ ऐसा क्या हुआ था कि उनकी मृत्यु को लेकर सवाल उठाए जाते हैं.

भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में अप्रैल से 23 सितंबर के बीच 6 महीने तक युद्ध चला. युद्ध खत्म होने के 4 महीने बाद जनवरी, 1966 में दोनों देशों के शीर्ष नेता तब के रूसी क्षेत्र में आने वाले ताशकंद में शांति समझौते के लिए रवाना हुए थे. पाकिस्तान से राष्ट्रपति अयूब खान वहां गए थे, जबकि भारत से प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री गए थे. 10 जनवरी को दोनों देशों के बीच शांति समझौता हो भी गया था. लेकिन इस समझौते के 12 घंटे के अंदर ही देश को शास्त्री जी का मृत्यु समाचार प्राप्त हुआ.

भारत सरकार ने शास्त्री जी के निधन पर सदन में दो जानकारी दी थी, उसके अनुसार, उस रात शास्त्री जी को हार्टअटैक आया था जिसके बाद उनके निजी फिजीशियन डॉ आरएन चुग ने उनका ईलाज किया था, लेकिन उन पर उस ईलाज का कोई असर नहीं हुआ था, जिसके बाद उन्होंने फौरन ही आपातकालीन तरीके आजमाए, लेकिन अंतत: वो सफल नहीं हो पाए. इसके साथ ही उस दौरान ड्यूटी पर तैनात सोवियत डॉक्टरों की टीम ने भी डॉ चुग के बाद शास्त्री जी को बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन उनको बचा नहीं पाए.

कहां से हुई विवाद की शुरूआत 

शास्त्रीजी की मृत्यु के बाद विवाद की शुरूआत सदन से हुई थी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने सबसे पहले सदन में शास्त्री की मौत को लेकर संदेह जताया था, इसके साथ ही तब बाकी के कुछ और सांसदों ने इसको लेकर सवाल उठाए थे. लेकिन सरकार ने इन सवालों के जवाब में कहा था कि शास्त्री जी के साथ कुछ गलत नहीं हुआ था. 

Write a comment ...

Mohit Jha

Show your support

आप मदद करेंगे तो हम आगे बढ़ेंगे और कुछ अच्छा और बेहतर आपके लिए हमेशा लेकर आते रहेंगे.

Recent Supporters

Write a comment ...

Mohit Jha logo
    • Change PhotoChange photo
    • Create A Unique Profile PhotoCreate A Unique Profile Photo
  • Delete photo

Mohit Jha

  • 2 Followers

  • 2 Following

  • जब बेगूसराय के एक छोटे बच्चे के कारण हिल गया था पूरा देश जब बेगूसराय के एक छोटे बच्चे के कारण हिल गया था पूरा देश

    जब बेगूसराय के एक छोटे बच्चे के कारण हिल गया था पूरा देश

    बिहार का बेगूसराय एक बार फिर चर्चा में हैं. बेगूसराय शहर में बीते मंगलवार को शाम करीब साढ़े पांच बजे बाइक सवार दो बदमाशों ने नेशनल हाइवे 28 पर एक के बाद एक कई जगहों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई. इस दौरान बदमाशों को जो दिखा, उन्होंने उस पर गोली चला दी. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 10 अन्य घायल हुए. कहा जा रहा है कि यह बदमाश साइको थे. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब बेगूसराय साइको के कारण सुर्खियों में रहा हो. इससे पहले भी बेगूसराय एक साइको किलर को लेकर चर्चा में रहा था और उस घटना ने पूरे देश को हिलकर रख दिया था.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • कहानी कोहिनूर की: जानिए कैसे भारत से निकलकर ब्रिटेन की रानी के मुकुट तक पहुंचाकहानी कोहिनूर की: जानिए कैसे भारत से निकलकर ब्रिटेन की रानी के मुकुट तक पहुंचा

    कहानी कोहिनूर की: जानिए कैसे भारत से निकलकर ब्रिटेन की रानी के मुकुट तक पहुंचा

    कोह-ए-नूर या कोहिनूर जिसका मतलब है रोशनी का पहाड़. 29 मार्च 1849 को पंजाब की गद्दी पर बैठे एक दस बर्ष के बालक से ईस्ट इंडिया कंपनी एक संधी करती है. इस संधी में कोहिनूर को सौंपने की बात थी. यह कोहिनूर की आखिरी और अहम यात्रा थी, क्योंकि इसके बाद कोहिनूर ईस्ट इंडिया कंपनी के डायरेक्टरों के हाथों से होता हुआ ब्रिटिश राजपरिवार तक पहुंचा और फिर उन्हीं की संपत्ती होकर रह गया.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • Dynamin डी.एम. समझाती है चाहत हो तो बदलाव लाया जा सकता हैDynamin डी.एम. समझाती है चाहत हो तो बदलाव लाया जा सकता है

    Dynamin डी.एम. समझाती है चाहत हो तो बदलाव लाया जा सकता है

    Dynamic डी. एम. एक ऐसी किताब है जो हमें यह समझाती है कि अगर जिले का अधिकारी चाहे तो कोई जिला पिछ़ड़ा ना हो, भले ही उस जिले में कितनी भी समस्या हो. उत्तर प्रदेश का बांदा जिला, जिसकी पहचान इस देश के सबसे पिछ़डे जिलों में होती थी, कैसे एक अधिकारी के आने के बाद वो तरक्की करने लगा और कैसे उसने पूरे देश का ना सिर्फ ध्यान अपनी ओर खींचा बल्कि राह भी दिखाई, वो यह किताब बतलाती है.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • भारत में सरकारी नौकरी प्रतिष्ठा का सवाल है या मानसिकता का?भारत में सरकारी नौकरी प्रतिष्ठा का सवाल है या मानसिकता का?

    भारत में सरकारी नौकरी प्रतिष्ठा का सवाल है या मानसिकता का?

    भारत में बात जब भी बेरोजगारी की होती है तो सबसे पहले सभी की जुबां पर जो लाइन आती है वो है, सरकार भर्ती नहीं निकाल रही. सरकारी नौकरी भारतीय युवाओं का सपना होती है, यह कहें तो गलत नहीं होगा. बिहार जैसे राज्य की एक पहचान यह भी है कि वो देश को हर साल सबसे अधिक आईएएस और आईपीएस देता है. देश में सरकारी नौकरियों की भरमार नहीं है.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • क्या हिंदुत्व के रास्ते से भटक गई है बीजेपी?क्या हिंदुत्व के रास्ते से भटक गई है बीजेपी?

    क्या हिंदुत्व के रास्ते से भटक गई है बीजेपी?

    नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीते 8 सालों में राज्य दर राज्य भाजपा का जो विजयरथ दौड़ा है, उसका एक चक्का उन लोक कल्याणकारी योजनाओं का है, जिससे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को योजनाओं का सीधा लाभ मिला है तो दूसरा पहिया उस धार्मिक ध्रुविकरण का है जिसके सहारे बीजेपी सभी सवालों से बचते हुए राज्य दर राज्य चुनाव दर चुनाव या तो जीतती चली आ रही है या फिर वो बेहतर प्रदर्शन कर रही है.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • क्या सच में नरेंद्र मोदी की राजनीति का विकल्प हैं अरविंद केजरीवाल, या उनसे आगे हैंक्या सच में नरेंद्र मोदी की राजनीति का विकल्प हैं अरविंद केजरीवाल, या उनसे आगे हैं

    क्या सच में नरेंद्र मोदी की राजनीति का विकल्प हैं अरविंद केजरीवाल, या उनसे आगे हैं

    बीते दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आए हैं. बीजेपी चार राज्यों में बहुमत हासिल करने में सफल हो पाई, जबकि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अप्रत्याशित रूप से बड़ी जीत दर्ज की. पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद, एक बात पार्टी के नेताओं द्वारा अलग-अलग मंचों के कही गई कि आम आदमी पार्टी, नरेंद्र मोदी और बीजेपी का विकल्प है. इसके बाद कई विश्लेषकों ने इस पर लेख लिखे.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • कुछ महीने पहले मोदी-योगी के बीच हुई खींचतान, लेकिन अब सब कुछ सही ?कुछ महीने पहले मोदी-योगी के बीच हुई खींचतान, लेकिन अब सब कुछ सही ?

    कुछ महीने पहले मोदी-योगी के बीच हुई खींचतान, लेकिन अब सब कुछ सही ?

    जब इस साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव हो रहे थे, उस दौरान पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना करन रहा था. 5 मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के नतीजे आए और ममता बनर्जी की पार्टी (टीएमसी) अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पार कर गई. मई और जून देश के लिए काफी भारी रहे. लगभग हर राज्य से इस तरह की तस्वीरें आती रहीं कि कैसे लोग बिना ऑक्सीजन के मरते रहे. तस्वीरों के माध्यम से यह भी सामने आया कि दिल्ली से लेकर लखनऊ तक शमशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी कतारें रही. शायद यह भी कम बुरा नहीं था कि उत्तर प्रदेश से गंगा में तैरती लाशें और नदी किनारे कुत्तों द्वारा शवों को नोचने की तस्वीर भी सामने आई.

    Mohit Jha
    Mohit Jha
  • प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में हासिल क्या करना चाहती हैंप्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में हासिल क्या करना चाहती हैं

    प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में हासिल क्या करना चाहती हैं

    40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट, बारहवीं में पढ़ने वाली हर लड़की को स्मार्टफोन , अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला लेने वाली लड़कियों को स्कूटी, महिलाओं को हर साल तीन मुफ्त गैस सिलेंडर, सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा, ये वो कुछ महत्वपूर्ण और बड़े वादे हैं जो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं के लिए अलग से जारी किए गए 'शक्ति विधान' घोषणापत्र के जरिए किए, हैं.

    Mohit Jha
    Mohit Jha